॥ माँ भगवती वन्दना ॥
१. आजु सुदिन दिन मंगल भेल।
जलपा हर्षवास घर गेल॥
बैठाथिन सिंहासन आदि कुमार।
झाड़ी चललन चरण पखार ॥
शुम्भ-निशुम्भ गरब से न बोल।
तोरा बिनु रहब कतेक दिन छिपाय॥
ये हो लाला हरिया बाजे रूनकह हमार हे।
हजरे हजार बाजे धर्म न काजै ॥
२. जलपा – जलपा कहियो पुकारे जलपा बिनु न हे।
पंथ लागे बेआर जलपा बिनु न हे॥
पारे पटुकिया ये हो नहीं बात।
तोरा बिनु धर्म कुशल हो न जाय॥
धर्म – धर्म कुछ कहियो न भेल।
जलपा – जलपा कहियो पुकारे ………
३. कहाँ तोरा उत्पन्न हे जलपा, कहाँ जन्मस्थान।
के तोरा लैलक हे जलपा, के ले – ले जाय॥
जन्मों के उत्पन्न हे जलपा, नगरा कोटि स्थान।
लाखत राजा लैलक हे जलपा, यशराज ले – ले जाय॥
४. पारे पूछल हे मईया बड़ा शक शुभा हे।
कौन विधि सेबब हे मईया कलंकित वन हे वास॥
अपने जे बैईठल हे मईया शीतल कमला हे।
हमरा के देल हे मईया कलंकित वन हे वास॥
५. मेरो मन भैरव बुला जा।
रुनझुन – रुनझुन गये फुलवारी, मधुर तान सुना जा॥
मेरो मन भैरव ……….
जलपा पन्थ अगुआनी। वाम – दहिन भगवाना॥
मेरो मन भैरव ……….
मेरो मन भैरव बुला जा।
रुनझुन – रुनझुन गये फुलवारी, मधुर तान सुना जा॥
मेरो मन भैरव ……….
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