ReadRoj

Hindi Blog And Articles Platform

दुनिया के सबसे विचित्र, रहस्यमयी और अजब-गजब पेड़

दुनिया के सबसे विचित्र, रहस्यमयी और अजब-गजब पेड़

इस दुनिया में कदम-कदम पर प्राकृतिक के रहस्य और चमत्कार देखने को मिलती है। प्राकृतिक अपनी खूबसूरती और रहस्यमी चीजें के कारण हमेशा हमें अपनी ओर आकर्षित करती रहती है। इस पृथ्वी पर कई ऐसे रहस्यमी, चमत्कारी और विचित्र चीजें हैं,  जिन्हें देखकर हम अक्सर हैरत में पड़ जाते है।

तो चलिए आज हम कुछ अजब-गजब पेड़ों के बारे में जानते हैं। ये पेड़ खूबसूरती और अजीबो-गरीब बनावट के कारण दुनिया भर में मशहूर है। ये पेड़ अगर आप देख लें तो काफी हैरान हो जाएंगे। ये सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि ये आखिर है क्या।

चमत्कारी और रहस्यमयी बरगद का पेड़

चमत्कारी और रहस्यमयी बरगद का पेड़

यह बरगद का पेड़ आंध्रप्रदेश के नालगोंडा में है। भारत में स्थित यह बरगद का पेड़ एक अनोखा रहस्यमयी और किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह एक अनोखी प्रजाति का पेड़ है, जो दुनिया का सबसे खूबसूरत और विचित्र है। इस पेड़ की खास बात यह है कि इस पर बहुत से विभिन्न प्रकार के पशु- पक्षियों की आकृतियाँ बनी हुई हैं जैसे – बिच्छू, सांप, मगरमच्छ, शेर, हाथी आदि। ये कलाकृतियों मानव निर्मत है या प्राकृतिक यह आज भी एक रहस्य है। स्थानीय लोगों का मानना है कि किसी ने इस बरगद क पेड़ पर आकृतियाँ बनाया है। जिसने भी अद्भुत आकृतियाँ पुरे पेड़ बनाई है वो कोई साधारण कलाकार नहीं होगा। अगर यह प्राकृतिक आकृतियाँ हैं, तो यह पुरे संसार में इकलौता ऐसा बरगद का पेड़ है। इसीलिए यह चमत्कारी बरगद पुरे संसार में काफी मशहूर है।

नीलगिरी (रेनबो ट्री )

सुगंधित पत्तियों और इंद्रधनुष के रंगों वाला पेड़ – नीलगिरी (रेनबो ट्री )

नीलगिरी के पेड़ दुनिया के अनोखे और खूबसूरत पेड़ों में से एक है। यह पेड़ समय के साथ विभिन्न रंगों में बदलता रहता है, जैसे – नीला, बैंगनी, नारंगी, मरून आदि में, इसीलिए इसे रेनबो ट्री भी कहा जाता है। नीलगिरी के पेड़ अपनी सुगंधित पत्तियों के लिए भी संसार में मशहूर है। ये पेड़ (रेनबो यूकलिप्टस) अपने आस-पास हमेशा सुगंध बिखेते रहता है। लेकिन अगर आप इसके ताजे पत्तों को खा लिया तो आप मर भी सकतें हैं। नीलगिरी के पत्तों से एक विशेष प्रकार का तेल निकाला जाता है। इस तेल का इस्तेमाल कीटनाशक दवाई में किया जाता है और यह तेल अत्यंत ज्वलनशील होता है। इन पेड़ों का इस्तेमाल सफ़ेद कागज बनाने में किया जाता है। इस पेड़ की ऊँचाई लगभग 250 फीट होती है। नीलगिरी के पेड़ फिलीपींस, इंडोनेशिया,ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी में पाया जाता है।  इंद्रधनुष के रंगों की तरह दिखने वाले इस नीलगिरी के पेड़ों को जिसने भी देखा, इस की खूबसूरती देख कर मंत्रमुग्ध हो जाता है।

नैरीफन के पेड़!

लड़कियों की आकृति वाले रहस्यमयी फल – बहुत ही विचित्र है नैरीफन के पेड़!

थाईलैंड का हिमाफन जंगल बेहद डरावना और रहस्यमयी है। थाईलैंड का हिमाफन के जंगलों में विचित्र प्रकार का पेड़ पाया जाता है। इस पेड़ का नाम नारिपॉन (Nariphon) है। इस पेड़ अनोखी पेड़ों में बहुत ही रहस्यमयी फल होते हैं। दरअसल इस पेड़ों के लगे लड़कियों की आकृति वाल फलों को देख कर चौंक जायेंगे। नारिपॉन के पेड़ों पर लगे लड़कियों की आकृति वाले इस फलों रंग का हरा होता है। हालांकि इन विचित्र फलों के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है, क्या ये फल है या सब्जी, क्या इसे खाया जा सकता है। ये फल केवल 7 दिनों तक ही रहती है। 7 दिनों के बाद ये खुद ही टूटकर गिर जाती हैं।

बौद्ध धर्म के मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध ने इन पेड़ों लगाया था।  स्थानीय लोगों के मान्यताओं के अनुसार भगवान इंद्र द्वारा इन पेड़ों को लगाया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि भगवान इंद्र अपनी पत्नि और बच्चों के साथ हिमा फन के जंगलों में रहते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान इंद्र की पत्नी पर भोजन के लिए फल लाते समय जंगल में कुछ राक्षसों ने हमला कर दिया। तब इंद्र देव ने 12 विशेष पेड़ बनाए, इन पेड़ पर उनकी पत्नी की आकृति वाले फल लगते थे। इन लड़कियों की आकृति वाल फलों को देख कर राक्षस डरने लगे थे।

अदनसोनिया - बाओबाब ट्री

इस विचित्र पेड़ जिसके जड़े ऊपर और तने नीचे हैं – अदनसोनिया – बाओबाब ट्री

एक ऐसे विचित्र पेड़ जिसके जड़े ऊपर और तने नीचे हैं। अफ्रीका के मेडागास्कर में 30 मीटर ऊंचे और लगभग 11 मीटर चौड़े पेड़ों को देखकर आपको लगेगा की यह एक नकली पेड़ है। इन लंबे-लंबे पेड़ों का हिन्दी नाम गोरक्षी है। बाओबाब के कई और अन्य नामों से भी जाने जाते हैं, जैसे अदनसोनिया, बोतल वृक्ष, उल्टा पेड़, बंदर रोटी आदि। बाओबाब को ‘द वर्ल्ड ट्री’ की उपाधि भी प्रदान की है। इस बेहद अजीबो-गरीब पेड़ ने अपनी बनावट से प्राकृतिक को रहस्यमय और चमत्कारी बनाती है।

साल के केवल छ: माह ही बाओबाब में पत्ते लगे रहते हैं। यह कई प्रकार के बीजों वाला पेड़ है। आपको बता दें कि यह पेड़ लगभग 1200 से 6000 साल पुराना है और विशेषज्ञों के अनुसार ये पेड़ अपने तने में १,२०,००० लीटर तक भर कर रखने की छमता है। वनस्पति विज्ञान में इन लंबे-लंबे विशाल पेड़ों को एडंसोनिया डिजिटा कहा जाता है। एडंसोनिया के पूरे संसार में 9 प्रकार की प्रजाती पायी जाती है। भारत में सूरत शहर गुजरात के सूरत, कच्छ और बड़ौदा में यह पेड़ पाया जाता है। गुजराती इसे गोरख आंबली, खुरासानी इमली के नाम से जाना जाता है।

ड्रैगन ट्री

इस विचित्र पेड़ को काटो तो खून निकलता है – ड्रैगन ट्री

अफ्रीका के उत्तरी-पश्चिमी तट पर स्थित कैनरी आइलैंड पर विचित्र प्रजाति पेड़ पाये जातें हैं।  यमन के कैनरी आइलैंड में अनोखी बनावट वाली इस वृक्ष को  ड्रैगन ट्री के नाम से जाना जाता है। इस पेड़ का आधार चौड़ा, मध्य भाग संकरा और ऊपर का भाग छतरी जैसे होती है। इस पेड़ को काटने पर खून की तरह लाल रंग का रस निकलता है। इसलिए ड्रैगन के पेड़ों को अशुभ माना जाता है। इस पेड़ को प्रकृति संरक्षण के लिए यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरीटेज (IUCN) में शामिल किया गया है। यह पेड़ अपनी अजीब बनावट के लिए दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

जादुई जंगल - पोलैंड में चीड़ के पेड़ 

जादुई जंगल – पोलैंड में चीड़ के पेड़ 

पोलैंड में ग्रेफाइनो के जंगल काफी रोचक है। ग्रेफाइनो के जंगल में लगभग 400 चीड़ के पेड़ हैं, जो 90 डिग्री पर मुड़े हुए हैं। काफी रोचक और रहस्यमय बात यह भी है कि आखिर इन सभी पेड़ों को उत्तर की तरफ ही क्यूँ मुड़े हुए हैं। ये पेड़ अपनी अद्भुत आकृति के कारण विश्व प्रसिद्ध है। ग्रेफाइनो के जंगल को क्रूक्ड फॉरेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इन पेड़ों को 1930 में लगाया गया था। इन पेड़ों को घुमावदार आकृति में मनुष्यों द्वारा आखिर किस उद्देश्य से लगाया गया था आज भी एक पहेली है। इस जंगल के बारे में कई अलग-अलग कहानियाँ हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ये पेड़ मुड़े हुए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि परग्रही के कारण ये पेड़ मुड़े हुए हैं।

Updated: May 14, 2023 — 5:13 am

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ReadRoj © 2024 Frontier Theme
Skip to toolbar