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डायनासोर से जुड़ी ये जानकारी हैरान करने वाली है

दोस्तों हम में से लगभग सभी ने आज से करोड़ो साल पहले धरती पर विचरण करने वाले विशालकाय भारी भरकम जीवों जिन्हें डायनासोर, कहा जाता है , के बारे में ज़रूर सुना होगा।  दोस्तों हमारी पृथ्वी का जन्म आज से 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुआ था। तब से लेकर आज तक इस धरती पर अनेक प्रणियों ने जन्म लिया और बहुत सारी प्रजातियां धरती के गर्भ में समा गई। समय और मौसमों के साथ इन प्रजातियों के बचे हुए अवशेष जीवाश्म में परिवर्तित हो गए। ऐसे ही एक दिन लन्दन में एक रोड पर टहलते हुए एक महिला को एक विशालकाय जीवाश्म मिला, उन्हें लगा कि वो हज़ारों साल पुरानि किसी छिपकली का अवशेष है, उन्हें नहीं पता था कि वे जिस जगह पर खड़े होकर किसी विशालकाय छिपकली को देख रही हैं वहां पर करोड़ो साल पहले किसी विशालकाय डायनासौर ने अपना दम तोड़ दिया था।

डायनासोर से जुड़ी ये जानकारी हैरान करने वाली है

आने वाले समय में वैज्ञानिक खोजों से यह स्पष्ट हो सका कि वो और उसके जैसे मिलने वाले अन्य अनेक अवशेष छिपकली परिवार के एक बहुत ही प्राचीन सदस्य के हैं, जो बहुत ही बड़े, और डरावने थे। और इसीलिए अंग्रेजी पर्यावरण विद रिचर्ड ओवन ने इनका नामकरण किया – ‘डायनासोर’  यानी डरावनी छिपकली

क्या थीं ये डरावनी छिपकलियां? क्या ये अब भी हमारी धरती पर मौजूद हैं? ऐसे बहुत सारे प्रश्न हमारे मन में इन जीवों को लेकर उमड़ते हैं तो आइए जानते हैं हमारे इन प्रश्नों के उत्तर।

क्या हैं डायनासोर ?

डायनासोर आज से करोड़ो साल पहले धरती पर विचरण करने वाले भीमकाय, डरावने जीव थे। ये आज से लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पहले धरती पर से विलुप्त हो गए। ये विशाल सरीसृप जीव थे अर्थात रेंगने वाले जीव।

कैसे हुआ इन विशालकाय सरीसृपों का जन्म

डाइनासोर का जन्म कोई एकाएक घटने वाली घटना नहीं थी। अपितु ये विशाल जीव तो विज्ञान के विकास वादी सिद्धांत के अनुसार अस्तित्त्व में आये थे। डाइनासोर के जीवन की शुरुआत  टिकटालिक नामक एक मछली प्रजाति से हुई थी। टिकटालिक का जन्म लगभग 37.5 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था। ये समय के साथ पानी में विकसित होती चली गयी और धिरे-धिरे चौपाया जानवर के रूप में विकसित होती गयी फिर धिरे-धिरे अपने पैरों चलने लगे। इन्हें विकसित होने में लगभग 1 से 2 करोड़ वर्षों का समय लगा होगा। फिर ये जमीन पर फैलने लगी और जमीन को ही अपना घर बना लिया। ये जिव धिरे-धिरे अलग-अलग प्रजातियों के रूप में विकसित होते रहे।

डायनासोर से जुड़ी ये जानकारी हैरान करने वाली है

डायनासोर का जन्म मुलतः आर्कोसॉरिया प्रजाति समूह के आर्कोसॉर से हुआ था। आर्कोसॉर पक्षी और मगरमच्छ के एकमात्र वंशज है। डायनासोर के शुरुआती विकसित प्रजाति की लंबाई मात्र 15 फीट के थे। इन में से एक डिलोफोसॉरस था जो आकार से छोटा परन्तु तेज दिमाग और बहुत ही फुर्तीला था। धीरे-धीरे पृथ्वी पर 1000 से अधिक इन विशालकाय प्रजातियों ने अपना दबदबा बना लिया था। ये पृथ्वी के हर महाद्वीप पर पाये जाते थे।

शारीरिक गठन

डायनासोर एक सरीसृप जीव था। इनकी लंबाई लगभग 40 से  80 फीट तक के होते थे। इसलिए आकार में बहुत बड़े और खतरनाक होते थे। हमने मूवीज में और किताबों में पढा है कि डायनासोर बहुत ही भारी भरकम शरीर वाले जीव हैं । लेकिन यह आंशिक सत्य ही है। जी हां दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि छोटे से छोटा डायनासोर महज एक चिकन के आकार के बराबर ही होता था जिसे शोधकर्ताओं ने कॉम्प्सोगनाथस नाम दिया है।

वहीं सबसे बड़ा डायनासोर जीवाश्म जिसे वैज्ञानिकों ने प्राप्त किया है का आकार 12.6 मीटर था जिसका वज़न 80 टन अर्थात 80,000 किलो था। इसका नाम ब्राचोसोरस था। हालांकि ये रेंगने वाले जीव थे लेकिन इनके पृष्ठ पद पूर्ण विकसित तथा मज़बूत थे जिनके ऊपर ये अपने शरीर का भारी भरकम वज़न साधते थे। वहीं इनके अग्र पद काफी छोटे थे जिनकी सहायता से अपने शिकार को दबोच लेते थे।

एक ओर विषेशता जो इन्हें अन्य रेंगने वाले जीवों से अलग बनाती थी वो थी इनके सीधा खड़े हो सकने की क्षमता। ये जीव अपने पिछले पैरों पर सीधे खड़े हो सकते थे और इनके इस काम में इनकी मदद करती थी इनकी भारी भरकम पूंछ।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इनकी इस विशेषता के कारण ही ये धरती के सबसे सफल जीवों में से एक हैं। क्योंकि मेसोजोइक युग में जब धरती पर रेंगने वाले शिकारी जीवों की भरमार थी तब अपने दो पैरों पर खड़े हो पाने की क्षमता के कारण इनके लिए शिकार करना सरल हो गया। साथ ही अपने से ताकतवर शिकारी के लिए इनका शिकार करना मुश्किल हो गया।

खानपान

दोस्तों डायनासोर के भारी भरकम शरीर को देख कर आपको लगता होगा कि ये जीव मांसाहारी होगा। और अगर आपको ऐसा लगता है तो आप बिलकुल सही है। डायनासोर मूल रूप से मांसाहारी ही थे। इस वर्ग में प्रमुख रूप से थेरोपॉड्स को शामिल किया जाता है। इनके दैनिक मांस की आवश्यकता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि हालांकि डायनासोर के जन्म से बहुत पहले ही अन्य रेंगने वाले जीवों का अस्तित्व धरती पर था लेकिन डायनासोर के धरती पर समाप्त होते होते 14 में से केवल 4 ही रेंगेने वाली प्रजातियां धरती पर बच पायीं, शेष को डायनासोर ने खा डाला था।

बाद के समय में जब भोजन की प्रतिस्पर्धा बढ़ने लगी और मांस की कमी होने लगी तब बहुत सी प्रजातियों ने अपने खान पान की आदत में बदलाव किया और शाकाहारी बन गए। ऐसे डाइनासोर को वैज्ञानिकों ने ओरनीतिसचिया वर्ग में रखा है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ओरनीतिशीया वर्ग के डायनासोर एक दिन में 1 टन तक पौधें तक खा जाते थे।

कैसी थी उस समय हमारी धरती?

डायनासोर मेसोजोइक युग में धरती पर मौजूद थे। इस युग को वैज्ञानिकों ने तीन काल खण्डों में विभक्त किया है जो हैं-

  • ट्रायासिक काल
  • जुरासिक काल
  • करिटेशिस काल

उस समय हमारी धरती एक विशाल द्वीप खण्ड थी जिसे पैंजिया कहा जाता है। इसके किनारे पर वनस्पति एवम आंतरिक भाग पर शुष्क रेगिस्तान थे। इस समय वातावरण शुष्क और गर्म था।

कैसे हुए ये शक्तिशाली जीव विलुप्त?

दोस्तों हम सबके मन में एक प्रश्न यह ज़रूर आता है कि जब ये जीव इतने शक्तिशाली थे तो विलुप्त कैसे हो गए? ये सवाल हमेशा से ही एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है। उस समय क्या हुआ था इसका कोई सही जबाब नहीं है। लेकिन इनमें सबसे पहला प्रभावशाली जबाब पृथ्वी खगोलीय पिंड का टकराना है, दूसरा ज्वालामुखियों के फटने के कारण रसायन का वितरण और तीसरा जलवायु का परिवर्तन होना हो सकता है।

डायनासोर से जुड़ी ये जानकारी हैरान करने वाली है

आज से लगभग 6.5 करोड़ साल पहले डायनासोर का जीवन नष्ट हो गया। ऐैसा माना जाता है कि करिटेशिस काल के ढलान में एक बहुत बड़ा क्षुद्रग्रह जिसका नाम अपोलो था, जो धरती से टकरा गया था। अपोलो का व्यास लगभग 10 किलोमीटर था । जिससे पैदा हुए विस्फोट ने इन विशालकाय जानवरों को पूरी तरह से विलुप्त कर दिया।

वैज्ञानिकों का मत है कि ये विशालकाय जीव ज़रूर अब धरती पर नहीं हैं लेकिन इनके प्रतिरूप के रूप में हम अब भी पक्षियों, छिपकलियों और मगरमच्छों के रूप में धरती पर देख सकते हैं।

वैज्ञानिकों का तो यह भी मत है कि आज के समय के पक्षी, किसी समय के महान जीवों डाइनासोर के ही वंशज है। तो आप भी अपने आस पास इन पंछियों एवम छिपकलियों का अध्ययन करें एवं जानें कि ये विशालकाय जीव डायनासोर कैसे थे?

डायनासोर से जुड़ी कुछ बहुत ही रोमांचक बातें!

डायनासोर पृथ्वी के पहले सरीसृप नहीं हैं। आर्कोसॉर नाम के जीव पृथ्वी के पहले सरीसृप माने जाते हैं। डायनासोर के पृथ्वी पर आने से लगभग 23 करोड़ साल पहले ही आर्कोसॉर आ गये थे। आर्कोसॉर (Archosaur) को वैज्ञानिक सत्तारूढ़ छिपकली (Ruling Lizards) के नजरिये से भी देखते हैं। सरीसृप के कई सारे प्रजातियाँ थे,  इन में से कुछ स्तनधारि प्रजाति के थे।

वैज्ञानिकों के अनुसार डायनासोर हमारी धरती पर लगभग 16.5 करोड़ सालों तक राज किया है। इन लंबे समय सीमा में पृथ्वी पर इनकी कई सारे पीढ़ियाँ आई और चली गई और कई अलग-अलग प्रजाती विकसित हुई। डायनासोर के बारे में आपको बता दूँ की ये मांसाहारी और शाकाहारी दोनो थे। ये शाकाहारी वाले आकार में काफी बड़े हुआ करते थे और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के पत्तों को खाया करते थे। मांसाहारी के तुलना में शाकाहारी काफी ज्यादा बुद्धिमान थे। मांसाहारी सूंघने और देखने की क्षमता काफी अधिक थी। ये काफी तेजी से चलते भी थे, जिससे शिकार को बहुत ही आसानी से कर पाते थे। एक डायनासोर की आयु औसतन लगभग 200 वर्षों तक की थी।

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