रहस्यमयी रूपकुंड झील में है मानव कंकाल


रूपकुंड झील

इस रहस्यमयी झील में तैरते हैं मानव कंकाल और हड्डियाँ! रूपकुण्ड झील हिमालय की गोद में स्थित एक मनोहारी और खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है।

भारत में जहाँ सांस्कृतिक विविधताएं हैं तो वहीँ अंधविश्वास और रहस्य भी हैं। ऐसी ही एक रोचक और रहस्यमयी जगह कंकाल झील उत्तराखंड के रूपकुण्ड शहर में स्थित है। यह एक हिम झील है, जो हिमालय की गोद में स्थित एक मनोहारी और खूबसूरत पर्यटन स्थल है । यह हिमालय की दो चोटियों त्रिशूल और नंदघुंगटी के तल के पास स्थित है, जो समुद्र तल से लगभग 5029 मीटर (16499 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

रूपकुंड झील

क्षेत्रीये लोक कथाओं के अनुसार राजा जसधावा और उनके सहयोगियों ने नंदा देवी को श्रद्धांजलि देने गए थे। लेकिन अभिषेक के लिए संगीत बजाते और नृत्य करते समय देवता उनसे क्रोधित हो गए और भूस्खलन की वजह से उनकी मृत्यु हो गयी थी। पतझड़ के समय में एक धार्मिक त्योहार आयोजित किया जाता है जिसमें क्षेत्रीये लोग शामिल होते हैं। प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार नंदा देवी राज जाट का उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।

रूपकुण्ड झील का बर्फीला पानी पिघलने पर कंकाल के अवशेष देखने को मिलते हैं। यहां पाये गए कंकालों पर कई तरह के अध्ययन किये गए हैं, वैज्ञानिकों के अनुसार यह कंकाल 12वीं सदी से 15वीं सदी तक के है। विशेषज्ञों केअध्ययन अनुसार उन लोगों की मौत भूस्खलन या बर्फानी तूफान से खोपड़ियों के फ्रैक्चर से हुई थी। शोधकर्ताओं का ये भी मानना है कि ये सभी लोग तिब्बत जा रहे थे व्यापार करने क्योंकि उस समय तिब्बत व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था।


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