वार ऑन ऑफ बकेट


वार ऑन ऑफ बकेट

आप चौंक जाएंगे की केवल एक बाल्टी के लिए दो राज्यों में भयानक युद्ध हुआ था।

इतिहास में पीछे जाए तो युद्ध होने के कई कारण है। लेकिन आप चौंक जाएंगे कि केवल एक बाल्टी के लिए एक युद्ध हुआ था। दरअसल, यह युद्ध इटली में हुआ था। 11वीं शताब्दी के दौरान इटली में धार्मिक राजनीति काफी ज्यादा बढ़ गई थी। ईसाई धर्मगुरु पोप धरती पर भगवान का प्रतिनिधि और रोमन के राजा फ्रेडरिक बारबरोसा भी भगवान का प्रतिनिधि मानते थे। इटली में दो राज्य बोलोग्ना और मोडेना थे।

बोलोग्ना के लोगों पोप को भगवान का प्रतिनिधि और ईसाई धर्म गुरु मानते थे, जबकी जबकि मोडेना के लोग रोमन के राजा फ्रेडरिक भगवान का प्रतिनिधि और ईसाई धर्म गुरु मानते थे। 1296 में बोलोग्ना और मोडेना के बीच एक युद्ध पहले भी हो चुकी थी। कहा जाता है कि अक्सर मोडेना और बोलोग्ना दोनों पर हमला कर एक दूसरे के राज्य में घुसकर सामाना लूटते थे। बोलोग्ना कि मोडेना से जो कीमती चीजों लूट कर लाते थे वह एक लकड़ी की बाल्टी में रख दिया करते थे।

यह लकड़ी की बाल्टी बोलोगना शहर के बीचों-बीच रखी थी, एक दिन मोडेना की सैनिक चुपचाप हमला कर बाल्टी लूट कर अपने साथ ले गये। बोलोग्ना के सैनिकों ने मोडेना के सैनिकों से बाल्टी लौटाने को कहा, लेकिन मोडेना के सैनिकों ने बाल्टी लौटाने से मना कर दिया। दोनों राज्यों के बीच पहले से तनाव था, यह तनाव उस समय एक युद्ध में तब्दील हो गया जब दोनों राज्यों 15 नवंबर 1325 युद्ध की ऐलान कर दिया। बोलेग्ना के पास 32 हजार सैनिक थी जिसमें 2,000 घुड़सवार सैनिक थी और पोप के समर्थन था। जबकी मोडेना के पास मात्र 7000 सैनिक थी और रोमन के राजा का समर्थन था। दोनों राज्यों के बीच युद्ध सूरज उगने के साथ शुरू हुआ तो आधी रात तक चली थी। इस युद्ध में मोडेना के सैनिकों कि जित हुई। बोलोग्ना राज्य को काफी नुकसान हुआ था।

इस युद्ध में दोनों राज्यों की तरफ के करीब 2000 सैनिकों मारे गए थे। बाद में इस युद्ध को वार ऑन ऑफ बकेट (War of the Bucket) के नाम से जाना जाता है। आज भी वह बाल्टी एक म्यूजियम में रखी हुई है, जिसके कारण मोडेना और बोलोग्ना में युद्ध हुआ था। युद्ध खत्म होने के बाद दोनों राज्यों के बीच एक शांति समझौता कर शांति स्थापित की। शांति समझौता के कारण ही 1529 में स्पेन हमले का जवाब देने के लिए दोनों राज्यों ने एक साथ मिलकर स्पेन के विरुध युद्ध की।


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