भारत की खतरनाक और डरावनी जगहें, जो भूतिया और बेहद डरावनी हैं। भूलकर भी यहाँ रात को अकेले मत जाना! भारत में कदम-कदम पर भूत-प्रेत की मजेदार और डरावनी कहानियाँ सुनने मिलती है।
भारत देश एक रहस्यमयी देश है। यहाँ बहुत सारे मजेदार किस्से और रहस्यमय कहानियाँ तो ऐसी हैं, जिससे इंसान ता उम्र अंजान रहता है। भारत के अजब गजब किस्से हमें इस उलझन में डाल देते हैं, कि माने या न माने?
भारत को अंधविश्वास देश कहा जाता है। लेकिन ये गलत है, भारत के लोग जितना भगवान में आस्था रखतें हैं, उतना ही भूतों पर भी विश्वास करते हैं। भारत में कदम-कदम पर भूत-प्रेत की मजेदार और डरावनी कहानियाँ सुनने मिलती है। भारत में हुए कुछ अजब-गजब किस्से जो इस तरह है, जिसे हम सुनकर अचम्भित हो सकते है।
डिसूजा चॉल – चॉल में घूमती एक आत्मा
मुंबई शहर भारत का एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र है। जिसे मायानगरी के नाम से भी जान जाता है। इसी मायानगरी में स्थित माहिम के पास डिसूजा चॉल है, जहाँ एक आत्मा भटकती रहती है। यहाँ के स्थानीय लोगो का कहना है, कि लगभग 25 साल पहले एक महिला इस चॉल में रहने आयी थी, और एक रात वह महिला कुएं से पानी निकालने गई, तब उसका पैर गलती से फिसल गया और वह कुएं में गिर गई। उसने वह के लोगो से मदद मांगी पर कोई उसकी मदद के लिए नहीं आ सका। जिससे कुएं में डूबकर उस महिला की मौत हो गई उस घटना के बाद वहाँ के स्थानीय लोगो को उस महिला की परछाई दिखने लगी। जिससे लोग कुँए के पास जाने से डरने लगे और इस कुएं को बंद कर दिया गया। तब से उस महिला की आत्मा कुँए और चाल के आस पास भटकती रहती है। चॉल के मालिक रिचर्ड हर दिन कुएं के पास पूजा करती हैं, ताकी उस महिला की आत्मा को शांति प्राप्त हो, और महिला की आत्मा किसी को परेशान न करे।
जुहू पवनहंस क्वार्टर मुंबई – पेड़ में गायब होने वाली लड़की
स्थानिये लोगों के अनुसार 1989 में सलमा नाम की एक लड़की ने अपने आप को आग लगा ली थी। जिससे सलमा की मौत हो गई थी। सलमा की आत्मा आज भी इस क्वार्टर के पास भटक रही है। वहाँ के लोगो के मुताबिक एक लड़की है। जिसके हाथ में आग की लपटे है। लड़की चिल्लाती हुई भागती है, और एक पेड़ में जाकर गायब हो जाती है। यहाँ के लोगो ने पेड़ के पास ही हनुमान मंदिर बनाया, ताकि वहाँ के आस पास के लोगो में डर कम हो, और लोग सुरक्षित महसूस करे।
ग्रैंड परादी टावर्स – जहाँ लोग कूदकर अपनी जान दे देतें है
मुंबई के मालाबार हिल्स में ग्रांड पैराडी टॉवर है, इसका निर्माण 1976 में हुआ था | तब से लेकर आज तक यहाँ अनेकों आत्महत्याओं के मामले इमारत की छत या खिड़की से कूदकर होने के सामने आये है| यहाँ होने वाली घटनाएं वहाँ के लोगो के लिए अभी भी रहसयमयी है, क्योंकि इन सारी घटनाओं की सच्चाई के बारे में कोई नहीं जान पाया। इन सब कारणों की वजह से इस इमारत को भारत की दस प्रेतबाधित स्थानों में शामिल किया गया है। स्थानीय लोगों का मानना है, यहाँ आत्माओं का वास है।लोगों की माने तो आत्मा लोगों को रेलिंग तक ले जाती है, जिसके बाद लोग कूदकर अपनी जान दे देतें है। इसलिये लोगों ने अपने फ्लैटों को खाली कर दिया।
टावर ऑफ साइलेंस – पारसियों के कब्रिस्तान
मुंबई के मालाबार हिल में एक टावर ऑफ साइलेंस है, जिसे पारसियों के कब्रिस्तान कहा जाता हैं। टॉवर ऑफ साइलेंस में मरने के बाद लोगों के शवों को चील, कौओं और अन्य पशु-पक्षियों के लिए खाने के लिए छोड़ दिया जाता था। माना जाता है, कि इसका निर्माण 19 वीं सदी में हुआ था। यहाँ हमेशा कुछ न कुछ घटनाएं घटित रहती है। यहाँ होने वाली भयानक घटनाएं होने के कारण लोगों ने टॉवर ऑफ साइलेंस के पास जाना छोड़ दिया।
शनिवार वाड़ा का किला – किला से चिल्लाने की आवाज आति है
भारत की एतिहासिक धरोहर शनिवार वाड़ा का किला महाराष्ट्र के पुणे में एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। शनिवार वाडा का निर्माण मराठा साम्राज्य को बुलंदियो पर ले जाने वाले बाजीराव ने 1746 ई. में किया था। इस महल में 1828 ई. में आग लगी और महल के काफी हिस्से आग की चपेट में आ गए। यह आग कैसे लगी या कोई साजिश थी। यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। ऐसी मान्यता है की बाजीराव के बाद इस महल में राजनितिक उथल-पुथल का दौर शुरु हो गया था। पेशवा नाना साहेब के तीन पुत्र नारायण राव जब गद्दी पर बैठे तो मात्र 17 वर्ष के थे। नारायण राव के चाचा रघुनाथ राव पेशवा बनना चाहते थे। इसलिए नारायण राव ने रघुनाथ राव अपने घर पर नज़रबंद कर दिया। नज़रबंद रघुनाथ राव ने अपने बचाव के लिए शिकारी कबीलियाई गार्दी के मुखिया सुमेंद्र सिंह गार्दी को एक पत्र भेजा। पत्र में लिखा था। नारायणराव ला धारा (नारायण राव को कैद कर लो) लेकिन नारायण राव की चाची आनंदी बाई ने पत्र में फेर बदल कर लिखा नारायणराव ला धारा को नारायणराव ला मारा (नारायणराव को मारो) कर दिया। सुमेंद्र सिंह गार्दी ने शनिवार वाड़ा पर हमला कर दिया और सत्ता की लालच में नारायण राव की हत्या इस महल में कर दी गई थी।। नारायण राव अपने चाचा को मदद के लिए पुकारता रहा, लेकिन उसके चाचा खुद इस साजिश में शामिल थे। आज भी नारायण राव की आत्मा भटकती रहती है, और किले से काका माला वाचवा सुनाई देती रहती है। इसलिए शनिवार वाड़ा के किले को भुतहा माना जाता है।
जी.पी ब्लाक मेरठ – भूतिया महल
मेरठ के केंट क्षेत्र स्थित जी.पी ब्लाक में तीन ऐसे बंगले है और इसके आस-पास के क्षेत्र को भूतिया महल के नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है, कि बिल्डिंग के ऊपर लाल रंग की साड़ी पहने हुए एक औरत दिखाई देती है । कुछ स्थानीय लोगों का कहना है, कि यहाँ चार लड़कों को घर के अंदर टेबल पर एक धीमी मोमबत्ती की रोशनी में शराब पीते भी देखा गया है। इन सभी अजब-गजब घटनाओं के होने की वजह से लोग यहाँ आने की हिम्मत नहीं करते।
वृंदावन सोसायटी ठाणे- यहाँ भूत मारता है थप्पड़
ठाणे के वृंदावन सोसायटी ऐसी जगह है, जहाँ किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। यहाँ पर कुछ ऐसी अजीबो गरीब घटनाये घटित हुई हैं। जैसे एक बार वृंदावन सोसाइटि में बिल्डिंग के सिक्युरिटी गार्ड को इतना ज़ोर का थप्पड़ लगा कि वह कुर्सी से उठ खड़ा हुआ, और पास में बैठे दूसरे सिक्युरिटी गार्ड को थप्पड़ लगा दिया। यह सोचकर कि शायद उसने ही उसे मारा था। जब सच्चाई सामने आई तो वृंदावन सोसायटी के लोगों की होश उड़ गए।
रमोजी फिल्म सिटी- सैनिकों का कब्रिस्तान
हैदराबाद के रामोजी फिल्म सिटी को निजामो की युद्ध भूमि कहा जाता है। फिल्म सिटी में काम करने वाले लोगों का कहना है, कि यहाँ असाधारण शक्तियाँ रहती हैं। शूटिंग के दौरान भी कई बार भूत भी दिखाई देते हैं। जानकारों के अनुसार रमोजी फिल्म सिटी में आज भी मृत सैनिकों की आत्माएँ भटक रही है। इस स्थान को सैनिकों का प्राचीन कब्रिस्तान भी कहा जाता है।
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