ReadRoj

Hindi Blog And Articles Platform

अद्भुत है विश्वप्रसिद्ध अजंता-एलोरा की गुफाएँ

पहाड़ों की गोद में गुफाएँ बसा है, अजंता-एलोरा की गुफाएँ! यह प्राचीन भारतीय सभ्यता के वास्तुकला का सबसे बेहतरीन उत्कृष्ट नमूने हैं ये दोनों गुफाएँ।

विश्वप्रसिद्ध अंजता-एलोरा की गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। दोनों गुफाएँ एक-दूसरे से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन अपनी सौन्दर्यशास्त्र और महत्वता की वजह से इन दोनों का नाम हमेशा साथ में लिया जाता है। 30 गुफाएँ अजंता में और 34 गुफाएँ एलोरा में हैं। इसमें हिन्दू, बौद्ध और जैन गुफा मन्दिर बने हैं। यह प्राचीन भारतीय सभ्यता के वास्तुकला का सबसे बेहतरीन उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं। बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर सुंदर चित्रकारी और मूर्तियाँ नक्काशी इन गुफाओं में प्राचीन भारतीय कारीगरी और वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। धार्मिक मूर्तियाँ प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीवन्त प्रदर्शन करता है। ये गुफाएँ विश्व धरोहर स्थल घोषित है, और भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की देख-रेख में है। अंजता-एलोरा की की गुफाएँ पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

Ajanta-Ellora Caves

अजंता की गुफाएँ : औरंगाबाद से 101 किमी दूर अजंता नामक गाँव के स्थित है, इसलिये अजंता के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा। ये गुफाएँ घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर 30 गुफाओं का श्रृंखला में बनाया गया है। इन गुफाओं  के सामने वाघोरा नदी बहती है।  सन् 1819  में आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ खोज ने खोज की थी।  इन गुफाओं का निर्माण  200 ईसा पूर्व से  200 ईसा पश्चात तक हुई थी। हथौड़े और चीनी की सहायता से तराशी गई ये गुफाएँ दो भागों में बाँटा जा सकता है। प्रथम चरण जिसमें बौद्ध धर्म के हीनयान और दूसरे चरण जिसमें  महायान संप्रदाय की झलक देखने को मिलती है। ये गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं की मूर्तियाँ और चित्र है, जो बौद्ध धर्म मठ रूप में दिखाया गया है।  इन गुफाओं में भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे में भी बताया गया है। तराशी गई ये मूर्तियाँ अत्यन्त ही प्राचीन व ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शन करता है। इन गुफाओं का इस्तेमाल बौद्ध भिक्षु प्रार्थना और रहने के लिए किया करते थे। इतिहासकार इसे भगवान बुद्ध का प्रतीक के रूप में देखते हैं। यहाँ पर्यटकों के लिय भगवान बुद्ध के जीवन की कथाओं, धार्मिक उपदेशों व अति  प्राचीन भारतीय सभ्यता की झलक देखने को मिलेगी।

Ajanta-Ellora Caves

एलोरा की गुफाएँ :  34 गुफाओं का श्रृंखला बेसाल्टिक की पहाड़ी के किनारे  2 किलोमीटर  के क्षेत्र में फैले है। ये गुफाएँ 5वीं और 10वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। एलोरा की गुफाएँ भारतीय पाषाण काल के वास्तुकला का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। यहाँ 12 बौद्ध गुफाएँ, 17 हिन्दू गुफाएँ और  5 जैन गुफाएँ  हैं, जो तीन धर्मों के प्रति आस्था के संगम को दर्शाती है। इन गुफाओं की चित्रकारी और मूर्तिकला न केवल अद्वितीय है, बल्कि प्राचीन काल की झलक देखने को मिलती है।यहां की ज्यादातर सरंचनाओं में विहार और मोनैस्ट्रीज हैं। यदि आप भी घुमने के शौकीन हैं, तो अंजता-एलोरा की गुफाएँ आपके लिए एक अच्छा पर्यटनस्थल है। इन गुफाओं की एक झलक ही आपको मंत्रमुग्ध करने के लिये काफी है। ये गुफाएँ एक पुरातात्विक स्थल है, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है।

Updated: May 22, 2023 — 2:36 am

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ReadRoj © 2024 Frontier Theme
Skip to toolbar