पृथ्वी के वो अजीबो–गरीब चीजें जिसे देख वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं, आज भी रहस्यमयी और अनसुलझी पहेली ही है, आप माने या न माने?
आप माने या न माने ना, पृथ्वी ना ही अपने प्राकृतिक और ना ही अपने प्राचीन पूर्वज को समझ पाये हैं। धरती पर ऐसी कई अजीबो-गरीब रहस्यमयी चीजें हैं, जिसके रहस्य को विज्ञान भी समझ पाने में नाकाम रहा हैं। इस धरती पर प्रति दिन कुछ न कुछ रहस्यमयी चीजें हमें मिलती रहती है। आखिर ये रहस्य भरी चीजें कब आई, कहाँ से आई, कैसे आई इन्हीं सवालों में उलझ कर हम रह जातें हैं। आपके सामने ऐसे ही कुछ रहस्य से भरे अजीबो-गरीब खबरें हैं।
अपलैंड मो का पंजा
अपलैंड मो एक चिड़िया का नाम है। इसकी प्रजाति आज से लगभग 500 साल पहले ही विलुप्त हो चुकी है। अपलैंड मो उड़ नहीं सकती थी। अपलैंड मो न्यूजीलैंड में ही पाया जाता था। शोधकर्ताओं की टीम एक बार जब माउंट ओवेन की गुफाओं में रिसर्चर करने गये तो शोधकर्ताओं को गुफाओं में चिड़िया का पंजा मिला। शोधकर्ताओं का आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब संरक्षित पंजों पर 3000 साल पुरानी तारीख लिखी हुई थी। शोधकर्ताओं के अनुसार यह पंजा कब और कहां से आया। यह पंजा कब और किसने संरक्षित रखा था, आज भी रहस्य है। यह पंजा अपलैंड मो चिड़िया का था।
लॉन्गेयू ग्राटो
चीन के फॉनिक्स हिल पर बनी लॉन्गेयू की 24 गुफाओं का एक समूह है। इन गुफाओं को चार किसानों जून 1992 खोजा था। ये गुफाएं मनुष्यों द्वारा लगभग 2000 साल पहले बनाया गया था। इन गुफाओं को बलुआ पत्थर से बनाया गया है। गुफाएं 30 मीटर ऊंचा और 30,000 वर्ग मीटर तक फैला है। इन गुफाओं के बरे में चीन इतिहास में भी दर्ज नहीं किया गया था। शोध में पाया गया कि ये सभी गुफाएं 212 ईसा पूर्व की है। शोधकर्ता लॉन्गेयू ग्राटो के रहस्य को आज तक नहीं सुलझा पाया है। आज तक किसी को यह समझ नहीं आया गुफाएं का निर्मित किस लिये किया गया था।
वयोनिच पाण्डुलिपी – यह किताब किस भाषा में है लिखी गई है, आज भी अनसुलझी पहेली है
कुछ भाषाऐं ऐसे भी है, जो बदलते युग के साथ बदल जाते हैं। ये भाषाऐं इतिहासकार और शोधकर्ता भी बस अनुमान ही लगा पाते हैं। फिर भी सही जवाब की तलाश रहस्य बन कर रह जाती है। वयोनिच पाण्डुलिपी इतिहास का ऐसा रहस्य है, जो इतिहासकार और शोधकर्ता बस अलग-अलग अनुमान लगा रहें हैं। प्राचीन चित्रकारियों का एक किताब है। यह किताब किस भाषा में लिखी गई है, आज तक एक रहस्य है। कुछ इतिहासकार इसे मेक्सिकन लैंग्वेज के भाषा से जोड़ते हैं, तो कुछ इतिहासकार इसे कोडेड एसियन के भाषा से जोड़ते हैं। लेकिन आज तक इस भाषा का अनुवाद कोई नहीं कर सका।
स्टोन ऐज टनल
पृथ्वी पर प्राचीन काल के बने सुरंगें रहस्यमय होते हैं। ऐसे ही एक स्टोन ऐज टनल यूरोप में मिला है। इस सुरंग को किस उद्दश्य से बनाया गया था, आखिर किसने इसे बनाया था। इस सुरंग में सिर्फ सवाल है, जवाब नहीं है। स्टोन ऐज टनल शोधकर्ताओं का शोध आज भी जारी है। इतनी बड़ी सुरंग का प्रयोग किस लिए यह आज भी रहस्य है।
गेट ऑफ द सन- रहस्यमय शिलालेखों आज भी रहस्यमय और अनसुलझी पहेली मात्र है!
गेट ऑफ द सन बोलीविया की सीमा पर स्थित टिटीकाका झील पास स्थित है। इसकी खोज 19वीं सदी के मध्य में यूरोपीय खोजकर्ताओं द्वारा की गई थी। यह गेट लगभग 10 फीट लंबा, 13 फीट चौड़ा और 10 टन वजन है। इसका निर्माण प्राचीन तिवानाकु संस्कृति द्वारा 500 – 950 ई के बिच किया गया था। पुरातात्विक के अनुसार इसका निर्माण ज्योतिषीय और खगोलीय के लिए हुआ होगा। गेट की आकृति देखकर ऐसा लगता है, जैसे सूर्य की किरणों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। गेट पर बने रहस्यमय शिलालेखों आज भी रहस्य है।
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