मौत की घाटी – रहस्यों से भरी घाटी में पत्‍थर भी चलतें हैं


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पृथ्वी रहस्यों से भरी है। डेथ वैली आज भी हमारे लिय किसी पहेली से कम नहीं है। इस घाटी में वैज्ञानिकों को हमेशा कुछ न कुछ चौंकाने वाली चीज मिलता रहती है।

पृथ्वी रहस्यों से भरी है। पृथ्वी आज भी हमारे लिय किसी पहेली से कम नहीं है। अमेरिका के कैलीफोर्निया में पूर्वी कैलिफोर्निया में एक रेगिस्तान है। यह कैलिफोर्निया के दक्षिण-पूर्व में नेवडा की सीमा तक फेला इस जगह का नाम डेथ वैली नेशनल पार्क (Death Valley National Park) है। इसकी लंबाई 225 किलोमीटर चौड़ाई अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग है और यह चौड़ाई 8 से 24 किलोमीटर के बीच में है। इसका क्षेत्रफल लगभग 3,000 वर्ग मील है। यह स्थान समुद्र तल का सबसे नीचा स्थान से 86 मीटर नीचे है।

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डेथ वैली सबसे गर्म और सूखा स्थान है, और सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड रहा है। फरनेस क्रीक और अमार्गोसा नदी इस घाटी से होकर बहती है, लेकिन अंत में रेत में कहीं गायब हो जाती है। यह घाटी रंग-बिरंगी चट्टानों से भी भरी है। इस घाटि में नमक के टीले भी है जो बिना पानी के होना बहुत मुश्किल है। भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान पृथ्वी केअन्य स्थानों से अलग है।

यह घाटी पहाड़ों से घिरी हुई है, लेकिन इसका ज्यादातर सतह सपाट और रेगिस्तान है। जिसके कारण सूरज की गर्मी से जमीन गर्म हो जाता है और इससे  हवा का तापमान और अधिक हो जाता है। माना जाता है कि 10,000 से 12,000 वर्ष पूर्व डेथ वैली ग्लेशियल लेक मैनली नामक एक विशाल झील थी।

अमेरिका के तिम्बिशा नामक जनजाति पिछले 1000 वर्षों से यहाँ पर रहतें हैं। तिम्बिशा जनजाति के लोग डेथ वैली को तुम्पसिया से पुकारते हैं। इस घाटी का डेथ वैली नाम 1849 में कैलिफोर्निया गोल्ड रश के दौरान पड़ा था। इस घाटी को पार कर लोग सोने की खदानों तक पहुंचते थे। घाटी को पार करने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। यहाँ की पहाड़ों और मिट्टी में अलग-अलग तत्व जैसे बोरेक्स, नमक, सोना और चांदी पाए जाते हैं। तब से इस घाटी का नाम डेथ वैली यानि मौत की घाटी पर गया।

1933 में इस घाटी संघीय सुरक्षा क्षेत्र घोषित कर दिया गया। फिर 1994 में इसको डेथ वैली नेशनल पार्क घोषित कर इसका विस्तार किया गया। डेथ वैली नेशनल पार्क में जहाँ एक तरफ रंग-बिरंगी चट्टानों से भरी है, तो मौत की घाटी में रेसट्रैक प्लाया नाम का एरिया है, जहाँ पहले कभी झील हुआ करती थी। अब यह पूरी इलाका समतल जमीन है, जहाँ अपने-आप पत्थरों के आगे खिसकने का निशान वहाँ जमीन पर देखने को मिलता है। इस रेगिस्तान में पत्थर अपने-आप बिना किसी की मदद के खिसकते हैं।

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वैज्ञानिकों ने यहाँ के कुछ पत्थरों में जीपीएस ट्रैकर लगाया गया तकी इन पत्थरों गतिविधि पर नजर रहे।  पत्थर खिसकने हैं, इसका पता 1948 में पहली बार चला। इन चलते पत्थरों को ‘Sliding Stones’ के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने सात साल अध्ययन किया। सात साल के अध्ययन में पाया की लगभग 317 किलोग्राम एक पत्थर अपनी जगह से 1 किलोमीटर दूर है। हालांकि इन पत्थरों को लेकर वैज्ञानिकों में एक मत नहीं है। पत्थर के खिसकने का रहस्य आज भी बना हुआ ही है।

इस घाटी में वैज्ञानिकों को हमेशा कुछ न कुछ चौंकाने वाली चीज मिलता रहती है। यहाँ दुनियाभर से लोग घूमने आते रहतें हैं, इस पूरे घाटी में पर्यटकों को कदम-कदम पर प्रकृति का चमत्कार देखने को मिलती है। यहाँ 1000 सालों से रह रहे कुछ प्रजाती के पशु-पक्षि भी रहतें हैं। डेथ वैली नेशनल पार्क (Death Valley National Park ) में पर्यटकों को देखने के लिये बहुत कुछ है, जो दुनियां में कहीं और देखने को नहीं मिलती है।


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