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Category: आरती और चालीसा संग्रह

श्री विश्वकर्मा चालीसा पाठ

॥ दोहा ॥श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई ॥जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥शिल्पाचार्य परम उपकारी । भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥ अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर । शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥अद्भुत सकल सृष्टि के कर्ता । सत्य ज्ञान श्रुति जग हित […]

श्री विश्वकर्मा जी की आरती

श्री विश्वकर्मा जी की आरती ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा |सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा || आदि सृष्टि मे विधि को श्रुति उपदेश दिया |जीव मात्रा का जाग मे, ज्ञान विकास किया || ऋषि अंगीरा ताप से, शांति नहीं पाई |रोग ग्रस्त राजा ने जब आश्रया लीना |संकट मोचन बनकर […]

श्री शिव जी की आरती

श्री शिव जी की आरती श्री शिव जी की आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॥ जय शिव ओंकारा…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॥ जय शिव ओंकारा…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ […]

बुधवार व्रत की आरती

बुधवार व्रत की आरती आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्योछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भरि पीजै॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥ ओढ़े नील पीत पट सारी। कुंजबिहारी गिरिवरधारी॥ फूलन सेज फूल की माला। रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥ कंचन थार कपूर की बाती। […]

श्री शिव चालीसा पाठ

श्री शिव चालीसा पाठ ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥वस्त्र खाल […]

श्री सूर्य देव की आरती

श्री सूर्य देव की आरती ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान। जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा। धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान…।। सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।। अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।। ।।ॐ […]

श्री सूर्य चालीसा पाठ

श्री सूर्य चालीसा पाठ ॥दोहा॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥चौपाई॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि, मुनिगन होत […]

श्री चित्रगुप्त चालीसा पाठ

श्री चित्रगुप्त चालीसा पाठ ॥ दोहा ॥ सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥ करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय। चित्रगुप्त जस विमलयश, वंदन गुरूपद लाय॥ ॥ चौपाई ॥ जय चित्रगुप्त ज्ञान रत्नाकर। जय यमेश दिगंत उजागर॥ अज सहाय अवतरेउ गुसांई। कीन्हेउ काज ब्रम्ह कीनाई॥ श्रृष्टि सृजनहित […]

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा पाठ

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा पाठ ॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥ ||चालीसा|| जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥ सिंहवाहिनी जै जगमाता । जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥ कष्ट निवारण जै जगदेवी । जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥ महिमा […]

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