ReadRoj

Hindi Blog And Articles Platform

दुनिया की सबसे बदनसीब महिला कौन है? क्या, आप उसके बारे में जानते हैं?

सारा बार्टमैन या सराह बार्टमैन दुनिया की सबसे बदनसीब महिला, जिसके मरने के बाद भी जो अपमान किया गया, पूरे विश्व में कहीं भी किसी भी महिला का अपमान नहीं हुआ है। वह मानवता के लिए सबसे बड़ा मजाक था।

आजतक आप लोगों ने अनेकों महिलाओं के बारे में पढ़ें और सुनें होंगे। महिलाओं की सुन्दरता, विरता आदि की किस्से-कहानियाँ तो सुने ही होंगे। पर क्या दुनिया का सबसे बदनसीब महिला के बारे में जानते हैं। सारा बार्टमैन या फिर सराह बार्टमैन कहें कोई फर्क नहीं पड़ता, पर बात ये है कि सारा बार्टमैन दुनिया की सबसे बदनसीब महिला थी। सारा का जन्म दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप में साल 1789 में हुआ था। सारा जब मात्र 2 साल की थी तभी उसकी माँ का मृत्यु हो गई और 2 साल बाद ही पिता का भी मृत्यु हो गया, जब वह 4 साल की थी। पिता के मृत्यु के पश्चात साराह अकेली हो गई थी। उसकी देखभाल करने वाला कोई भी नहीं था। सारा बार्टमैन का शरीर बहुत ही अजीब था। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई वैसे-वैसे उसके नितंब उसके शरीर के अपेक्षा काफी बड़े होते गये। स्थानीय लोगों ने सारा का मजाक उड़ाने लगे।

सारा बार्टमैन या सराह बार्टमैन

उस समय अफ्रीका अंग्रेजों का गुलाम था, और अफ्रीका एक ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था। इसलिए यहाँ अंग्रेज का आना जाना लगा रहता था। एक अंग्रेज व्यापारी विलियम डनलप भी यहाँ आते रहते थे। विलियम डनलप ने सोचा क्यूँ न सारा को लंदन ले जाकर इसका सर्कस में शो आयोजित करके पैसा कमाया जाय। क्योंकि उस समय पुरे यूरोप में सर्कस का शो आयोजित कर लोगों का मनोरंजन कराया जाता था। विलियम अजीबोगरीब और बेडौल अंग वाली सारा बार्टमैन शो में दिखा कर पैसा कमाना चाहता था इसलिए विलियम ने सारा बार्टमैन को लंदन ले आया।

लंदन में पिकाडली सर्कस में सारा बार्टमैन का पहला शो आयोजित हुआ। देखते ही देखते सारा बार्टमैन का शो काफी लोकप्रिय हो गया। और पिकाडली सर्कस में लोग टिकट लेकर अजीबोगरीब शक्ल सूरत और बेडौल अंग वाली सारा बार्टमैन को देखने आते थे। अमीर लोग सारा का शो अपने घर पर भी आयोजित कराने लगे थे और उनके मेहमानों को उसको छूने की भी अनुमति थी। सारा बार्टमैन  का काफी मजाक उड़ाया जाने लगा और कई अखबारों में तो उसके शरीर का कार्टून बनाकर मजाक उड़ाया जाने लगा था। रंगभेद के कारण भी ब्रिटेन में सारा मजाक मात्र बनाकर रह गई थी।

सारा बार्टमैन या सराह बार्टमैन

ब्रिटिश साम्राज्य ने 1807 में गुलामों के व्यापार को खत्म कर दिया। तब सारा बार्टमैन के मालिक ने उसे फ्रांस के एक सर्कस वाले को बेच दिया और वह फ्रांसीसी सर्कस वालों ने भी उसका उसी तरह से सर्कस में प्रदर्शन शो आयोजित लगे। फ्रांस में ही पेरिस में 26 साल की उम्र में ही शो के दौरान ही मौत हो गई थी। लेकिन इस महिला की बदनसीबी तो देखिए कि मौत के बाद भी शो बंद नहीं हुआ बल्कि लगातार चलता रहा। अफसोस देखिए मरने के बाद सारा बार्टमैन जो किया वह मानवता के लिए सबसे बड़ा मजाक था। मरने के बाद फ्रांसीसी लोगों ने सारा बार्टमैन के साथ जो अपमान किया, पूरे विश्व में कहीं भी किसी भी महिला का अपमान नहीं हुआ है। फ्रांसीसी लोगों ने उसके बड़े बड़े नितंबों को प्रिजर्व करके फॉर्मलीन में बंद करके एक म्यूजियम में रख दिया गया था। इतना ही नहीं फ्रांसीसी ने उसके शरीर का प्लास्टर कास्ट भी बनाकर प्रदर्शन के लिए रखा गया था। इसलिए सारा बार्टमैन को दुनिया की सबसे बदनसीब महिला कहा जाने लगा।

साल 1994 में दक्षिण अफ्रीका के तत्कालिन राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने फ्रांस सरकार के सामने अनुरोध किया कि वो सारा बार्टमैन अंगों के अवशेष और उसके प्लास्टर कास्ट के दक्षिण अफ्रीका को प्रत्यावर्तन कर दें। नेल्सन मंडेला लंबे समय तक प्रयास करते रहे ताकि वो सारा बार्टमैन को सम्मान पूर्वक अंतिम विदाई दे सके। नेल्सन मंडेला के प्रयासों के कारण ही अंततः साल 2002 में फ्रांस की सरकार ने सारा बार्टमैन के शरीर के सभी अवशेष को दक्षिण अफ्रीका सौंप दिया।

साल 2002 में लगभग 192 साल बाद सारा बार्टमैन सभी अवशेषों दक्षिण अफ्रीका लाया गया। और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके जन्म स्थान पूर्वी केप प्रान्त में के साथ दफ़्न किया गया। आज सारा बार्टमैन दक्षिण अफ्रीका में प्रसिद्ध महिलाओं की सूची में शामिल हैं। हॉलीवुड में सारा बार्टमैन के नाम पर कई फ़िल्म बनी जो बहुत ही सुपर हिट रही। ब्लैक वीनस और द लाइफ एंड टाइम ऑफ सारा नाम से बनी फिल्म सुपरहिट है। सराह वर्टमैन के सम्मान में दक्षिण अफ्रीका एक जलपोत का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है। और 8 दिसंबर 2018 को केपटाउन विश्वविद्यालय ने उनके सम्मान में अपने मेमोरियल हाल का नाम बदलकर सारा बार्टमैन हॉल रख दिया है। अंततः लगभग 192 सारा बार्टमैन अपनी बदनसीबी से छुटकारा मिल ही गया।

Updated: May 6, 2023 — 11:59 am

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ReadRoj © 2024 Frontier Theme
Skip to toolbar